नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। देवी दुर्गा के दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र सुशोभित हैं, जिनका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व है। आइए, इन अस्त्र-शस्त्रों और उनसे जुड़ी कथाओं को विस्तार से समझते हैं:
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1. त्रिशूल (Trishul)
भगवान शिव ने देवी दुर्गा को त्रिशूल प्रदान किया था। इसके तीन नुकीले भुजाएं सत्व, रजस और तमस गुणों का प्रतीक हैं, जो सृष्टि के संतुलन को दर्शाती हैं。
2. तलवार (Talwar)
भगवान गणेश ने देवी दुर्गा को तलवार दी थी। तलवार की धार बुद्धि की तीक्ष्णता और उसकी चमक ज्ञान का प्रतीक है।
3. भाला (Shakti)
अग्नि देव ने देवी दुर्गा को भाला प्रदान किया। यह उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक है, जो सही और गलत के बीच के भेद को स्पष्ट करता है।
4. वज्र (Vajra)
देवराज इंद्र ने देवी दुर्गा को वज्र दिया। यह आंतरिक शक्ति और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है, जो आत्मविश्वास और संकल्प को दर्शाता है।
5. फरसा (Parashu)
भगवान विश्वकर्मा ने देवी दुर्गा को फरसा प्रदान किया। यह बुराई से लड़ने की शक्ति और परिणामों की चिंता किए बिना धर्म के मार्ग पर चलने का प्रतीक है।
6. सुदर्शन चक्र (Chakra)
भगवान विष्णु ने देवी दुर्गा को सुदर्शन चक्र दिया। यह दर्शाता है कि देवी दुर्गा सृष्टि के केंद्र में स्थित हैं और समस्त ब्रह्मांड उनकी शक्ति के अधीन है।
7. धनुष और बाण (Dhanush-Baan)
सूर्य देव और पवन देव ने देवी दुर्गा को धनुष और बाण प्रदान किए। धनुष स्थितिज ऊर्जा और बाण गतिज ऊर्जा के प्रतीक हैं, जो ब्रह्मांड की समस्त ऊर्जा स्रोतों पर देवी के नियंत्रण को दर्शाते हैं। citeturn0search0
8. शंख (Shankha)
वरुण देव ने देवी दुर्गा को शंख दिया। शंख की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है और वातावरण को शुद्ध करती है।
9. घंटा (Ghanta)
देवराज इंद्र ने ऐरावत हाथी के गले से घंटा उतारकर देवी को दिया था। इस घंटे की भयंकर ध्वनि से असुर मूर्छित हो जाते थे, जिससे उनका संहार किया जा सकता था।
10. ढाल (Dhaal)
देवी दुर्गा के हाथों में सुशोभित ढाल यमराज ने भेंट की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां भगवती ने असुरों का सर्वनाश इसी तलवार और ढाल से किया था।
इन अस्त्र-शस्त्रों के माध्यम से देवी दुर्गा हमें सिखाती हैं कि आत्मबल, ज्ञान, दृढ़ता और धर्म के मार्ग पर चलते हुए हम किसी भी बुराई का सामना कर सकते हैं। नवरात्रि के दौरान इन प्रतीकों का स्मरण हमें आंतरिक शक्ति और सद्गुणों की ओर प्रेरित करता है।