नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, देवी के आगमन और प्रस्थान के वाहन से आने वाले समय के शुभ-अशुभ संकेत मिलते हैं।
मां दुर्गा के वाहन और उनके संकेत
मां दुर्गा का वाहन उनके आगमन और प्रस्थान के दिन के अनुसार निर्धारित होता है। यह वाहन विभिन्न संकेत प्रदान करते हैं:
- हाथी पर आगमन या प्रस्थान: यदि नवरात्रि रविवार या सोमवार से प्रारंभ होती है, तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। हाथी पर आगमन समृद्धि, शांति और अच्छी वर्षा का संकेत देता है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है। Prabhat Khabar
- घोड़े पर आगमन या प्रस्थान: मंगलवार या शनिवार से नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी घोड़े पर आती हैं, जो युद्ध, उथल-पुथल और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। sudarshannews.in
- पालकी (डोली) पर आगमन या प्रस्थान: गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आती हैं। पालकी पर आगमन आर्थिक मंदी, प्राकृतिक आपदाओं और महामारी के बढ़ने का संकेत देता है। Navbharat Times
- नाव (नौका) पर आगमन या प्रस्थान: बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी नाव पर आती हैं, जो आपदाओं से मुक्ति और जीवन में शांति का प्रतीक है। Navbharat Times
चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान
चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ रविवार, 30 मार्च से हो गया है, और समापन सोमवार, 7 अप्रैल को होगा। इस अनुसार, मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर ही प्रस्थान करेंगी। यह शुभ संकेत माना जाता है, जो सुख-समृद्धि, शांति और अच्छी वर्षा की ओर इशारा करता है।
निष्कर्ष
मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी के माध्यम से हमें आने वाले समय के बारे में संकेत मिलते हैं। यह मान्यताएं धार्मिक आस्था और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं, जिनका उद्देश्य हमें सतर्क करना और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है।