नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। अष्टमी या नवमी के दिन छोटी बच्चियों की पूजा की जाती है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं को नौ देवियों का रूप मानकर उनकी पूजा और सत्कार किया जाता है। माना जाता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
कन्या पूजन का महत्व:
- देवी का रूप: कन्याओं को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
- पवित्रता का प्रतीक: छोटी बच्चियों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है। उनकी पूजा करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- स्त्री शक्ति का सम्मान: कन्या पूजन स्त्री शक्ति का सम्मान करने का एक तरीका है। यह समाज में महिलाओं के महत्व को दर्शाता है।
- मनोकामना पूर्ति: मान्यता है कि कन्या पूजन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कन्या पूजन की विधि:
- कन्या पूजन के दिन नौ छोटी बच्चियों को आमंत्रित किया जाता है।
- उनके पैरों को धोया जाता है और उन्हें आसन पर बैठाया जाता है।
- उन्हें तिलक लगाया जाता है और फूल चढ़ाए जाते हैं।
- कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं।
- अंत में, कन्याओं से आशीर्वाद लिया जाता है और उन्हें विदा किया जाता है।
कन्या पूजन नवरात्रि के त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है।